बेबीलोन के झूलते बाग़ जिन्हे सेमीरामीस के झूलते बाग़ भी कहॉ जाता है प्राचीन विश्व का सात आश्चर्यो मे से एक है। यह आज के इराकी नगर अल-हिल्लह के निकट स्थित था। इस उद्यान का निर्माण नबूचड्नेजार (अंग्रेजी : Nebuchadnezzar) द्वितीय ने ईसा से ६०० वर्ष पूर्व करवाया था। किवदंती यह है कि इस उद्यान का निर्माण राजा नबूचड्नेजार ने अपनी पत्नी को प्रसन्न करने के लिये किया था। ईसा से २ शताब्दी पूर्व एक भूकंप मे यह उद्यान पूर्ण रूप से नष्ट हो गया था।
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Wednesday, 11 January 2017
मिस्र, प्रकाशस्तंभ या अलेक्जेंड्रिया के प्रकाशस्तम्भ
मिस्र, प्रकाशस्तंभ या अलेक्जेंड्रिया के प्रकाशस्तम्भ में सिकंदरिया के बंदरगाह तक पहुंचने के प्रयास में व्यापारियों के लिए व sandbars की भूलभुलैया के माध्यम से जहाजों मार्गदर्शन करने के लिए बनाया गया था। यह केवल प्राचीन आश्चर्य एक व्यावहारिक उद्देश्य पूरा हो जाना था 299 और 79 ईसा पूर्व के बीच निर्मित, प्रकाश स्तंभ, कुछ 166 मीटर, या लगभग 500 फुट उंचा खड़ा था शहर के पश्चिमी बंदरगाह के ऊपर और यूनानी व्यापारी Sostratus जो शिपिंग यातायात की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करना चाहता था द्वारा वित्त पोषण किया गया था।
पॉलिश कांस्य दर्पण विशेष रूप से दिन के दौरान समुद्र से बाहर सूरज की रोशनी को प्रतिबिंबित करने के लिए तैयार कर लिया गया था व रात में खोये जहाजों के लिए एक संकेत के रूप में सेवा करने के लिए रात में आग जलायी जाती थ्ाी । टावर अपेक्षाकृत बरकरार खड़ा था जब तक भूकंप और प्राकृतिक तत्वों से क्रमिक गिरावट की एक श्रृंखला की वजह से पतन हुआ ।
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Friday, 3 June 2016
मिश्र के पिरामिड के बारे में रोचक बातें
कुछ मिश्र के पिरामिड के बारे में
लमिस्र के पिरामिड वहां के तत्कालीन फैरो (सम्राट) गणों के लिए बनाए गए स्मारक स्थल हैं, जिनमें राजाओं के शवों को दफनाकर सुरक्षित रखा गया है। इन शवों को ममीकहा जाता है। उनके शवों के साथ खाद्यान, पेय पदार्थ, वस्त्र, गहनें, बर्तन, वाद्य यंत्र, हथियार, जानवर एवं कभी-कभी तो सेवक सेविकाओं को भी दफना दिया जाता था। यह पिरामिड ४५० फुट ऊंचा है। ४३ सदियों तक यह दुनिया की सबसे ऊंची संरचना रहा।१९वीं सदी में ही इसकी ऊंचाई का कीर्तिमान टूटा। इसका आधार १३ एकड़ में फैला है जो करीब १६ फुटबॉल मैदानों जितना है। यह २५ लाख चूनापत्थरों के खंडों से निर्मित है जिनमें से हर एक का वजन २ से ३० टनों के बीच है। ग्रेट पिरामिड को इतनी परिशुद्धता से बनाया गया है कि वर्तमान तकनीक ऐसी कृति को दोहरा नहीं सकती। कुछ साल पहले तक (लेसर किरणों से माप-जोख का उपकरण ईजाद होने तक) वैज्ञानिक इसकी सूक्ष्म सममिति (सिमट्रीज) का पता नहीं लगा पाये थे, प्रतिरूप बनाने की तो बात ही दूर! प्रमाण बताते हैं कि इसका निर्माण करीब २५६० वर्ष ईसा पूर्व मिस्र के शासक खुफु के चौथे वंश द्वारा अपनी कब्र के तौर पर कराया गया था। इसे बनाने में करीब २३ साल लगे। म्रिस के इस महान पिरामिड को लेकर अक्सर सवाल उठाये जाते रहे हैं कि बिना मशीनों के, बिना
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Seven Wonders of the Ancient World दुनिया के सात अजूबा
इस तस्वीर में सबसे पहले की तस्वीर गीजा के पिरामिड की है जिसके बारे में जानने के लिये यहाॅ क्लिक करें तथा दूसरी तस्वीर बेबीलोन के झूलते बाग की है जिसके बारे में जाननें के लिये यहॉ क्लिक करें तथा तीसरी तस्वीर में आर्टेमिस का मन्दिर है जिसके बार में जाननें के लिये यहॉ क्लिक करें तथा चौथी तस्वीर ओलम्पिया में जियस की मूर्ति की है जिसके बारे में जाननें के लिये यहॉ क्लिक करें तथा पॉचवी तसवीर माउसोलस का मकबरा की है जिसके बारें में जाननें के लिये यहॉ क्लिक करे तथा छठी तस्वीर रोडेस की विशाल मूर्ति की है जिसके बारें में जाननें के लिये यहॉ क्लिक करें तथा सातवी तस्वीर ऐलेक्जेन्ड्रिया का रोशनी घ्ार की है जिसके बारे जाननें के लिये यहॉ क्लिक करें
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Wednesday, 1 June 2016
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