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Sunday, 15 January 2017

Disposal Glass Ke Bandal ka Stand Kaise Banate H डिस्‍पोजल ग्‍लास की बण्‍डल का स्‍टैण्‍ड कैसे बनाते है।

हेलो दोस्‍ताे,
Disposal Glass Ke Gaddi ka Stand Kaise Banate   डिस्‍पोजल ग्‍लास की गड्डी का स्‍टैण्‍ड कैसे बनाते है।

हमें अक्‍सर डिस्‍पोजल ग्‍लास का उपयोग करना पड़ता है। लेकिन जब ज्‍यादा संख्‍या में ग्‍लास होते है तो उसका बण्‍डल गिरने लगती है।

 जिन्‍हे सभालना बहुत ही मुस्किल होता है तो आज हम आपको आसान सा डिस्‍पोजल ग्‍लासेस स्‍टैंंड  बनाना बताते हैं ।


इसके लिये हमे चाहिये

  1. एक बोतल 1.25 ली.
  2. एक डबल साइड फोम टेप
  3. एक चाकू 
  4. कुल ग्‍लास चेक करने के लिय
तो आइये शुरू करते है-

सबसे पहले हम बोतल को नीचे की तरफ से 2 इंच के बाद काटते है जिसमे गिलास का बण्‍डल डाला जा सके






इसके बाद ऊपर से एक डिस्‍पोजल गिलास रखकर उसपर मारकर से निशान लगाते है जिससे उसका साइज पता चल सके तथा निशान लगाकर उसे सावधानी पूर्वक चाकू से काटते है 


अब उस पर बोतल से नाप कर डबल साइड फेम टेप को काट लेते है तथा उस पर एक साईड से लगाते है  









अब जहॉं पर पानी का नल या फ्रीजर या आरओ पर  लगा हो वहॉं पर बोतल को उल्‍टा लगा देगें तथा गिलास का बण्‍डल ऊपर से डाल देगें ।  


तैयार है आपके द्वारा बनाया गया डिस्‍पोजल ग्‍लास स्‍टैण्‍ड दोस्‍तो इसमें से गिलास को पकड़ कर हल्‍का सा तिरक्षा करके आसानी से निकाल सकते है तथा बाकी गिलास आपकी बोतल में ही रहेगें। 







दोस्‍तो अगर आपके पास भी कोई तकनीकि है तो आप हमे इमेल या कमेंंटमें भेज सकते है हम आपकी तकनीकि को एक नये रूप में आपके नाम के साथ पोस्‍ट करेगें  

Wednesday, 11 January 2017

बेबीलोन के झूलते बाग़ के बारे में


बेबीलोन के झूलते बाग़ जिन्हे सेमीरामीस के झूलते बाग़ भी कहॉ जाता है प्राचीन विश्व का सात आश्चर्यो मे से एक है। यह आज के इराकी नगर अल-हिल्लह के निकट स्थित था। इस उद्यान का निर्माण नबूचड्नेजार (अंग्रेजी : Nebuchadnezzar) द्वितीय ने ईसा से ६०० वर्ष पूर्व करवाया था। किवदंती यह है कि इस उद्यान का निर्माण राजा नबूचड्नेजार ने अपनी पत्नी को प्रसन्न करने के लिये किया था। ईसा से २ शताब्दी पूर्व एक भूकंप मे यह उद्यान पूर्ण रूप से नष्ट हो गया था।

रोडेस की विशालमूर्ति

रोडेस की विशालमूर्ति यूनानी द्विप रोडेस पर यूनानी देवता हेलियोस की एक विशाल मूर्ति है। यह मूर्ति प्र‍ाचीन विश्‍व के सात आश्‍चर्यों में एक है। इसका निर्माण करीब ईसा पूर्व २८० से २९२ के बीच किया गया। प्रचीन विश्‍व की यह सबसे उंची मूर्ति थी जिसकी उंचाई करीब ३० मीटर थी।